Raid 2 रिव्यू: अजय देवगन की दमदार वापसी, जानिए फिल्म कैसी है
Raid 2 रिव्यू: अजय देवगन की दमदार वापसी, जानिए फिल्म कैसी है अगर आपने 2018 की ‘Raid’ देखी थी और सोचते हैं कि उससे आगे कुछ बेहतर नहीं बन सकता – तो ‘Raid 2’ आपको गलत साबित करती है। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि उस सच्चाई की गूंज है जो अक्सर सिस्टम के नीचे दबा दी जाती है। अजय देवगन एक बार फिर अफसर अमय पटनायक के रूप में लौटते हैं – और इस बार, लड़ाई और भी गहरी है।
फिल्म की कहानी, निर्देशन, अभिनय और तकनीकी पहलुओं को विस्तार से देखते हैं और यह समझते हैं कि आखिर क्यों RAID 2 को साल की सबसे दमदार फिल्मों में गिना जा रहा है।
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ToggleRaid 2 रिव्यू: अजय देवगन की दमदार वापसी, जानिए फिल्म कैसी है– क्या ये अजय देवगन की सबसे बेहतरीन फिल्म है?
बॉलीवुड में जब भी कोई सच्ची घटना पर आधारित फिल्म की बात होती है, तो 2018 में आई “Raid” का नाम ज़रूर लिया जाता है। अजय देवगन की दमदार एक्टिंग और सस्पेंस से भरपूर कहानी ने दर्शकों को बांध कर रखा था। अब 2025 में आई “Raid 2” भी उसी शैली में एक और जबरदस्त केस को परदे पर लाने की कोशिश करती है। लेकिन सवाल ये है – क्या ये सीक्वल पहली फिल्म की बराबरी कर पाता है या उससे आगे निकलता है?
कहानी: जब अफसर अकेले नहीं, विचार चलता है एक और बड़ी रेड, लेकिन इस बार दांव बड़ा है
लखनऊ की पृष्ठभूमि में बसी इस कहानी में अमय पटनायक का तबादला होता है। वह एक ऐसा इनकम टैक्स अफसर है जो न डील करता है, न डरता है। RAID 2 में उसका सामना होता है नैतिक बजाज से – एक बेहद खतरनाक और स्मार्ट विलेन जो कानून, राजनीति और मीडिया तीनों को अपने इशारों पर नचाता है।
फिल्म हमें दिखाती है कि कैसे भ्रष्टाचार सिर्फ लेन-देन नहीं, बल्कि एक पूरी व्यवस्था है – जिसमें राजनीति, माफिया और कानून की परछाइयाँ मिलकर आम आदमी को कुचल देती हैं। RAID 2 में 200 अफसरों की एकसाथ 20 लोकेशन पर रेड की योजना एक ऐतिहासिक पल बन जाती है – जो न कोई शोर करता है, न कोई हीरोइज़्म। बस, दस्तावेज़… और एक चुपचाप चलती क्रांति।
फिल्म की गति धीमी है, लेकिन हर दृश्य में तनाव है। रेड की योजना बनते देखना किसी थ्रिलर की तरह लगता है, जहाँ हर फोन कॉल, हर कागज़ की चुप्पी में कोई बड़ा खुलासा छुपा होता है।
कहानी में नयापन है या नहीं?
कहानी पहले पार्ट की तरह सच्ची घटना पर आधारित है, लेकिन इस बार स्केल बड़ा है। जिस तरह से प्लानिंग, गुप्तचरी और रणनीति को दिखाया गया है, वो काबिल-ए-तारीफ है। हालांकि कुछ जगहों पर कहानी थोड़ी खिंची हुई लग सकती है, लेकिन अंत तक आपको बांध कर रखती है।
अभिनय: जब मौन, संवाद से ज़्यादा बोलता है
अजय देवगन का किरदार
अजय देवगन ने एक बार फिर गंभीर, शांत लेकिन ताकतवर अधिकारी का रोल निभाया है। उनके हावभाव, संवाद बोलने का तरीका और बॉडी लैंग्वेज, सब कुछ किरदार में जान डालते हैं।
अजय देवगन का अभिनय कमाल का है – एक सरकारी अफसर के रूप में वो थके हुए लेकिन अडिग नजर आते हैं। उनका चेहरा शांत रहता है लेकिन आँखें लड़ती हैं – हर सीन में। उनके डायलॉग कम हैं, लेकिन हर बार असरदार।
रितेश देशमुख इस फिल्म के सबसे बड़े सरप्राइज़ हैं
वो नैतिक बजाज के रोल में बेहद प्रभावशाली हैं। उनका अंदाज़ शांत, चालाक और रणनीतिक है। उन्होंने सिद्ध किया कि वो सिर्फ कॉमेडी ही नहीं, खतरनाक विलेन का किरदार भी बखूबी निभा सकते हैं।
सपोर्टिंग कास्ट का योगदान
- सौरभ शुक्ला एक बार फिर मुख्य विलेन के रोल में दमदार हैं।
- इलियाना डिक्रूज़ का रोल सीमित है, लेकिन प्रभावी है। इलियाना डी’क्रूज़ ने नलिनी के किरदार में अपने सीमित स्क्रीन टाइम में बहुत प्रभाव छोड़ा है। वो हर उस व्यक्ति की आवाज़ बनती हैं जो सिस्टम से नहीं, बल्कि सिस्टम में लगे किसी ईमानदार इंसान से जुड़ी होती है।
- अन्य किरदारों का अभिनय भी कहानी को मज़बूती देता है।
डायरेक्शन और तकनीकी पक्ष: सिनेमैटिक ईमानदारी
राज कुमार गुप्ता का निर्देशन सधा हुआ, यथार्थपरक और बिना अतिरिक्त नाटकीयता के है। उन्होंने RAID 2 को एक ‘सत्य पर आधारित थ्रिलर’ के दायरे में रहकर भी इतना असरदार बनाया है कि यह पूरी फिल्म एक दस्तावेज़-युद्ध बन जाती है।
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी साधारण लगती है लेकिन यही उसकी खूबी है – वो कहानी को चमकाने के बजाय, यथार्थ से जोड़े रखती है। अमित त्रिवेदी का बैकग्राउंड स्कोर बहुत ही सटीक है – जहाँ ज़रूरत हो वहां मौन, और जहाँ भावनात्मक गहराई हो वहाँ संगीत।
साउंड डिज़ाइन बेहद प्रभावशाली है – ताले की आवाज़, पन्नों की सरसराहट और चुप्पियों का कंपन हर सीन को और प्रभावी बना देता है। VFX का इस्तेमाल बहुत सीमित है – लेकिन जहां है, वहां दर्शक को रियल फील देने में मदद करता है।
Raid 2 Official Trailer ट्रेलर देखें
फिल्म का ट्रेलर दर्शाता है कि ये फिल्म सिर्फ एक छापे की कहानी नहीं है, बल्कि ये सिस्टम, राजनीति और ईमानदारी की लड़ाई की दास्तान है।
Raid 2 Official Trailer
Trailer via T-Series
गाने: आत्मा की आवाज़
Zid Hai Toh Raah Milegi – यह एक प्रेरणादायक गीत है जो अमय की जिद को बयां करता है। इसके बोल सिर्फ नायक की कहानी नहीं, बल्कि हर उस इंसान की कहानी हैं जो एक असहज व्यवस्था में अपने उसूलों पर अड़ा हुआ है।
Tumhi Se Waqt Maanga Hai – यह गाना नलिनी के दृष्टिकोण से है – एक ऐसा भावुक ट्रैक जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है। यह उस असहायता को दिखाता है जो हर सरकारी अफसर के परिवार में छुपी होती है।
क्लाइमेक्स: क्रांति की चुप आवाज़
ऑपरेशन गरुड़ RAID 2 का सबसे रोमांचक हिस्सा है – लेकिन यह रोमांच किसी एक्शन सीन में नहीं, बल्कि डेटा, दस्तावेज़ और रणनीति में है। जब 200 अफसर 20 जगहों पर एकसाथ रेड डालते हैं, तो दर्शकों को यह महसूस होता है कि लड़ाई सिर्फ हथियारों से नहीं होती – इरादे से भी होती है।
अंत में, कोर्टरूम में जब अमय बस ब्लैक रजिस्टर पेश करता है और कुछ नहीं कहता – वो चुप्पी ही सबसे बड़ी गवाही बन जाती है।
संदेश: जब ईमानदारी आदर्श नहीं, ज़रूरत बन जाती है
RAID 2 का संदेश बहुत स्पष्ट है – ईमानदारी कोई सुपरपावर नहीं, वो रोज की लड़ाई है। यह फिल्म हमें हमारे मौन पर सवाल पूछती है – क्या हम सच के साथ खड़े हैं, या सिर्फ तमाशबीन हैं?
नलिनी का एक संवाद – “हर बार डरती हूं कि तुम ऑफिस जा रहे हो… या जंग पर,” – फिल्म की आत्मा है। यह डायलॉग हर उस परिवार का डर दिखाता है जो हर दिन एक सच्चे अफसर को दुनिया के सामने अकेला छोड़ देता है।
रेटिंग और निष्कर्ष
कुल रेटिंग: ⭐️⭐️⭐️⭐️4½ / 5
RAID 2 सच्ची घटनाओं से प्रेरित फिल्म है, जो न केवल थ्रिल देती है, बल्कि सोचने पर मजबूर करती है। यह न किसी नायक की कहानी है, न खलनायक की – यह एक सच्चे अफसर की चुपचाप लड़ी गई लड़ाई है।
क्या आएगी RAID 3?
अगर हाँ, तो यह कहानी शायद और भी बड़ी होगी – इंटरनेशनल हवाला, राजनीतिक साज़िशें और शायद एक ऐसा सिस्टम जहाँ अमय भी अकेला नहीं होगा। दर्शक RAID 3 से और भी गहरे संघर्ष, तेज़ विरोध और कठिन विकल्पों की उम्मीद कर सकते हैं।
“इस दुनिया में सब कुछ बिकता है… लेकिन अगर कुछ बिकता नहीं – तो वो है ईमान।”
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